1. इस प्रकार प्रार्थिनी को अलग रहने का युक्तियुक्त कारण है। 2. क्या प्रतिवादिनी ने बिना किसी युक्तियुक्त कारण के वादी का परित्याग किया है? 3. वाद का युक्तियुक्त कारण विपक्षी / उत्तरदाता के विरूद्ध उत्पन्न नही हुआ है इसलिए याचिका निरस्त होने योग्य हैं। 4. इस देरी का कोई युक्तियुक्त कारण वादी के पास नहीं है, इसलिए अभियुक्त दोषमुक्त किए जाने योग्य है। 5. इस प्रकार स्पष्ट होता है कि प्रतिवादिनी बिना किसी युक्तियुक्त कारण के वादी का परित्याग कर रखा है। 6. अगर पत्नी को अलग रहने का युक्तियुक्त कारण है तो उसे अभित्याग का दोषी नहीं माना जा सकता है। 7. इन साक्षीगण के उपरोक्त आशय के सशपथ साक्ष्य पर अविश्वास करने का कोई युक्तियुक्त कारण भी उपलब्ध नहीं है। 8. जबकि इस आधार पर आपराधिक कार्यवाही के अनुरोध को बिना युक्तियुक्त कारण के अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। 9. अभित्याग का तात्पर्य एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष के साथ बिना किसी युक्तियुक्त कारण के रहने से इन्कार करना है। 10. इस प्रकार पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से यह भी सिद्ध होता है कि प्रार्थिनी को अलग रहने का कोई युक्तियुक्त कारण नही है।